भारत के लिए जुआ कानूनों
चाहे यह विवाद कि कौनसा द्युत कानूनी है और कौनसा गैर कानूनी द्युत विशेषज्ञों के बीच, भारतीय न्यायालयों में और केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चलता रहे, एक चीज निश्चित है कि भारतीयों को द्युत से लगाव है | एक हाल ही की खबर के अनुसार भर्तुया द्युत बाजार सालाना 3 लाख करोड़ रुपयों का है | जबकि इसका अधिकांश प्रतिशत कानूनी तौर पर घुडदौड़ और लोटरी पर लगाया जाता है, एक बड़ा हिस्सा गैर कानूनी और तकनिकी रूप से गैर कानूनी माध्यमो से क्रिकेट और अन्य खेलो पर लगाया जाता है |
इस लेख में मैं जटिल भारतीय द्युत कानूनों को समझाने कि कोशिश करूँगा, जिसमे सम्मिलित होगा कि द्युत के कोनसे प्रकार वर्जित है कौनसे स्पष्टतया स्वीकृत है और कौनसे क्षेत्र अस्पष्ट है | जब आप सभी सीख गए हैं तो आप भारतीय जुआ कानूनों के बारे में जान सकते हैं – नीचे एक शर्त रखें।
1867 का सार्वजनिक द्युत अधिनियम
जिस मुख्य वैधानिक दस्तावेज के आधार पर भारत में द्युत गैर कानूनी है वह है 1867 का सार्वजनिक द्युत अधिनियम | यह अंग्रेजो के शासन में बनाया गया पुराना कानून है | जबकि पाकिस्तान ने यह नियम निकाल दिया है, हमारी सर्कार ने इसे जारी रखने का इरादा कई बार जताया है | इस 145 साल पुराने कानून के आधीन जुआघर चलाना, जुआघर चलाने में मदद करना. जुएघर जाना चाहे आप खेले या नहीं , जुए में पूंजी लगाना और जुआ उपकरण रखना अपराध है | इसकी सजा है 200 रुपयों तक जुर्माना या तीन महीनो तक की कैद |
हुनर के खेल स्वीकृत है
सार्वजनिक द्युत अधिनियम स्पष्ट कहता है ” इस अधिनियम का कोई हिस्सा मात्र हुनर के खेलो पर जहा पर भी खेले जाये लागू नहीं होगा”| इसका अर्थ है कि अगर उनके खिलाफ दुसरे कानून नहीं हो तो हुनर के खेलो पर शर्त लगाना कानूनी है | जबकि अधिनियम कि द्युत कि परिभाषा नहीं दी गई है, 1996 में भारत के उच्चतम न्यायालय में मात्र हुनर के खेलो कि यह परिभाषा दी है –जो मुकाबले जहा सफलता अधिकांश मात्रा में हुनर पर आधारित है द्युत नहीं होते और कोई खेल में अनिश्चितता का अंश होने के बावजूद अगर वह मुख्यतः हुनर का खेल हो तो वह “मात्र हुनर” का खेल माना जायेगा
एक आरंभिक निर्णय 1957 में दिया गया जब घुडदौड शर्त्प्रक्रिया को हुनर ठहराया गया – दोनों अधिनियमों में “गेमिंग” शब्द का अर्थ प्रकाशन इस न्यायालय के उन दो 1957 के फैसलों के आधार पर करना होगा, जहाँ साधिकार ठहराया गया है कि वह मुकाबला जो अधिकांश रूप से हुनर पर निर्भर हो द्युत नहीं है | गेमिंग अनिश्चितता पर दावा लगाना है जहाँ अनिश्चितता मुख्य कारक है | इसलिए दोनों अधिनियमों में ‘गेमिग’ का मतलब होगा अनिश्चितता के खेलो पर शर्त
लगाना | इसमें घुडदौड जैसे हुनर के खेल शामिल नहीं होंगे |
1986 में रम्मी, जो पप्लू के नाम से भी जाना जाता है, हुनर खेल ठहराया गया था |”
दूसरी तरफ रम्मी में हुनर की जरुरत होती है क्यों की पत्तो के गिरावट को याद रखना पड़ता है और रम्मी बनाने के लिए पत्ते रखने और फेंकने में काफी हुनर की जरुरत पड़ती है | इसीलिए हम नहीं कह सकते की रम्मी पूर्ण रूप से अनिश्चितता का खेल है | मुख्य और अधिकांश रूप में वह हुनर का खेल है | रम्मी में अनिश्चितता उतनी ही है जितनी ब्रिज के खेल में |’
जुआ कानूनों - अस्पष्ट क्षेत्र
भारतीय कानून में पोकर एक बड़ा अस्पष्ट क्षेत्र है | यह रोचक है कि तीन पत्ती और टेक्सस होल्ड ऍम जैसे खेल वर्जित है जबकि रम्मी स्वीकृत है | जायदा इससे भी ज्यादा रोचक है कि घुडदौड, जिसमे गलत रूप से जितना बहुत आसान है, शर्त लगाना कानूनी है क्यों कि वह हुनर का खेल है, परन्तु विकेट शर्त प्रक्रिया, जिसमे वही हुनर जरुरी है, वर्जित है |
लोटरी भारत के कई राज्यों में कानूनी है
1998 का केंद्रीय लोटरी नियंत्रण अधिनियम ने राज्य सरकारों को लोटरी चलाने का अधिकार दिया, पर स्पस्ट किया कि हफ्ते में एक बार से ज्यादा नही खुलवाई जाएगी | आज अधिकांश भारतीय राज्यों में अत्यधिक लोटरी टर्मिनल प्राप्त है और कुछ लोटरी हर 15 मिनट में खुलती है |
सिक्किम अधिकृत प्लेविन लाटो बहुत लोकप्रिय है और किसी भी राज्य से भारतीय निवासी टिकट ऑनलाइन या टर्मिनल से से खरीद सकते है | हफ्ते में एक बार खोलने का कानून इसलिए नहीं माना जाता क्यों कि अधिकांश राज्यों का यह मानना है कि वे द्युत के सभी प्रकारों के लिए अपने कानून बनाये और वे केंद्रीय लोटरी अधिनियम के अधीन नहीं है | यह अधिकार उन्हें भारत के संविधान ने दिया है
राज्यों के पास जुआ कानूनों बनाने का अधिकार है
1949 में लिखा, भारत का संविधान स्पष्टता राज्यों को द्युत और शर्त प्रक्रिया सम्बंधित कानून और नीतियाँ बनाने का अधिकार देता है | सातवीं अनुसूची कम 34 सूची II में साफ़ है कि राज्य चाहे तो द्युत को कानूनी बना सकते है | आज तक अधिकांश राज्यों ने सिर्फ द्युत के खिलाफ कानून बनाये है, जहाँ कि 13 राज्यों में द्युत कानूनी है और गोवा और सिक्किम इन दोनों राज्यों ने द्युत के कई और प्रकारों को कानूनी बनाया है |
गोवा में कानूनी कसीनो द्युत – जुआ कानूनों
गोवा ने द्युत के कुछ प्रकार को कानूनी बनाने के लिए गोवा, दमन और द्यु सार्वजनिक द्युत अधिनियम में दो संसोधन किये है | अधिनियम कि सम्बंधित धारा नीचे दी गयी है |
26[13अ . अधिकृत खेल
– इस अधिनियम में जो सम्मिलित है उसके बावजूद सरकार पाँच सितारा होटलों में कोई भी इलेक्ट्रोनिक मनोरंजन या स्लोट मशीन के खेलो को 27 और अपतट जहाजो पर उन टेबल खेलो और गेमिंग को अधिकृति से सकती है , ऐसी शर्तो पर , रिकरिंग और नॉन रिकरिंग शुल्को के भुगतान सहित , जो निरधारित कि जाय |
26 1992 के संशोधन अधिनियम 11 के द्वारा 27 1996 के संशोधन अधिनियम 13 के द्वारा अक्तूबर 2011 तक गोवा में 7 तट स्थित कसीने और कई अपतट कसीनो कानूनी तौर से चल रहे है |
सिक्किम में कानूनी द्युत प्रक्रिया
सिक्किम दूसरा भारतीय राज्य है जहा द्युत प्रक्रिया कानूनी है | Glaws.in पर इस पोस्ट के अनुसार –
1 – सिक्किम कसीनो खेल नियंत्रण और कर नियम 2002 सिक्किम सरकार को अनुज्ञापत्र प्रदान करने का अधिकार देता है उन व्यक्तियों और कारोबारों को जो कसीनो चलाने में रूचि रखते हो |
2 – सिक्किम द्युत नियंत्रण संशोधन 2005 सिक्किम सरकार को अधिकार देता है कि वह अपने विचार से अमुक दिनों के लिए और अमुक द्युत चालको को अनुज्ञापत्र से अधिकृत करे | सिक्किम पहला भारतीय राज्य है जिसने इन्टरनेट द्युत प्रक्रिया को कानूनी अधिकृत किया हैं |
सिक्किम ऑनलाइन गेमिंग अनुज्ञापत्र – जुआ कानूनों
क्यों कि यह एक पेचीदा विषय है मैंने एक अलग लेख लिखा है जिसका शीर्षक है सिक्किम द्युत प्रक्रिया अनुज्ञापत्र जो पढने योग्य है | संक्षेप में है कि सिक्किम राज्य ने आवेदन लेने शुरू कर दिए है ऑनलाइन द्युत प्रक्रिया अनुज्ञापत्रो के लिया जहा सर्वर राज्य में स्थित हो | इसमें कसीनो द्युत, लोटरी और खेल शर्त प्रक्रिया शामिल है |
कई लोगो का मानना है कि जब ये अधिकृत खेल प्रकिया साईट ऑनलाइन हो जाये तो वे खिलाडी इसका कानूनी ढंग से प्रयोग कर पाएंगे जो उन राज्यों में स्थित है जहा द्युत कानून नहीं है | इसलिए William Hill और Betfair जैसी ऑनलाइन द्युत साइटे भारत को अगले बड़े बाजार के रूप में देख रही है | इसमें एक बड़ी चुनौती है क्यों कि द्युत सबंधी विदेशी निवेश भारतीय कानून के अधीन वर्जित है |
जुआ कानूनों – भारतीयों के लिए ऑनलाइन द्युत प्रक्रिया साईट
इन्टनेट द्युत प्रक्रिया वास्तव में विश्वव्यापी कारोबार है | उदाहरण के लिए Bet365 यु.के. स्थित द्युत प्रक्रिया कंपनी है,परन्तु उनके पास 200 से अधिक देशो से ग्राहक है जिनमे कूल 40 लाख खाते है | उनकी शर्त प्रक्रिया साईट दर्जनों भाषाओ और मुद्राओ में उपलब्ध है, जिसमे भारतीय रुपया भी है | जबकि उनकी वेबसाइट पर शर्त लगाना तकनीकी तौर से गैरकानूनी है, हमारी जानकारी के अनुसार कोई भी भारत में जुआ खेलने के लिए गिरफ्तार नहीं हुआ है जब वह विदेश में स्थित कंपनी से ऑनलाइन शर्त लगा रहा था |
जहा तक bet365 का सवाल है, भारतीय कानून उन पर लागू नहीं होते क्यों कि वे एक कानूनी यु.के. द्युत प्रक्रिया अनुज्ञापत्र के आधीन काम करते है जो उनके पास 1974 से है | क्यों कि उनका कोई भारत में सर्वर, विज्ञापन या कुछ अन्य नहीं है, अधिकारी उन्हें भारतीय जुआरियो को सेवा प्रदान करने से नहीं रोक सकते |
इसलिए भारत ई-वाल्लेट का प्रयोग करके bet365 और Betfair जैसी साइटों पर आसानी से आई पी एल क्रिकेट और अन्य मैचों पर शर्त लगा सकते है |
ऑनलाइन द्युत प्रक्रिया के खिलाफ केंद्रीय सरकार कि कारवाई
जबकि केंद्रीय सरकार को यु.के. अधिकृत सट्टेबाजो पर, जो यूरोपी और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधीन न्यायपूर्वक काम कर रहे हो, कोई क्षेत्रीय अधिकार नहीं हो, परन्तु उन्होंने कुछ कदम उठाये है जिनके कारण इन साइटों का इस्तेमाल करना कठिन हो गया है | यह दो कानूनों के द्वारा किया गया है जिनमे से कोई भी ज्यादा प्रभावी नहीं है |
भुगतान और निबटारा अधिनियम, 2007
राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल ने भुगतान और निबटारा व्यवस्था अधिनियम, 2007 पर 20 दिसंबर 2007 को हस्ताक्षर किये और यह 12 अगस्त 2008 से लागू हो गया | यह अधिनियम भारतीय रिजर्व बैंक को सभी प्रकार के इलेक्ट्रोनिक भुगतान पर नियंत्रण रखने के लिया अधिकृत करता है | धारा 4 महत्वपूर्ण है , जिसमे कहा गया है –
बिना अधिकृति के भुगतान प्रणाली लागु नहीं की जाएगी
रिजर्व बैंक के अलावा कोई व्यक्ति भुगतान प्रणाली शुरू नहीं करेगा, सिवाय तब जब उसे इस अधिनियम के आधीन रिजर्व बैंक ने अधिकृति दी हो | आगे अधिनियम कहता है क़ि कोई भी भुगतान प्रणाली या क्लियरिंग हाउस जिसमे कोई भारतीय बैंक क़ी 51 % से कम इक्विटी हो बिना रिजर्व बैंक क़ी अधिकृति के काम नहीं कर सकता | इस 14 पृष्ठों के अधिनियम में रिजर्व बैंक को भारत भारत में भुगतान प्रणाली के हर पहलु पर सब तरह के अधिकार दिए गए है, जिनमे शामिल है बिना
सूचना दिए प्रवेश और परीक्षण करना और मांगने पर सभी आर्थिक और ग्राहक सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करना |
सबसे प्रमुख तत्त्व यह है कि इस अधिनियम के जरिये रिजर्व बैंक के पास भुगतान प्रणाली के हर पहलु पर तुरंत नीतियां बनाने का अधिकार है | उन्होंने यह अधिकार कई बार इस्तेमाल किया है | इस अधिकार ने भारत में paypal गड़बड़ी पैदा कि और neteller को neteller प्लस कार्ड बंद करने पर मजबूर किया और Entropay को प्लास्टिक Mastercard डेबिट कार्ड बंद करने पर मजबूर किया | संक्षेप में रिजर्व बैंक के पास पूर्ण अधिकार है कि वह बेंको को आदेश दे कि वे अमुक भुगतान संसाधक, ई-वाल्लेट या क्लियरिंग हाउस के भुगतान या जमा राशि को अस्वीकार करे | इस वक्त तो उनकी नज़र ऐसे कारोबार और फीलासरो पर है जो कर कि चोरी कर रहे है | परन्तु भविष्य में यदि वे द्युत प्रणाली संसाधकों को पकड़ना चाहे तो उसके लिए कानूनी ढांचा और अधिकार मौजूद है |यह फिर स्पष्ट किया जाता है कि इस वक्त उनके लिए यह प्राथमिकता नहीं है |
इन्टरनेट सेवा संसाधक – आई एस पी
14 अप्रैल 2011 को भारतीय राजपत्र ने इनफोर्मेसन टेक्नोलोजी इंटरमिडीयरीस गाइडलाइंस नियम 2011 प्रकाशित किये | यह कानूनी दस्तावेज इनफोर्मेसन टेक्नोलोजी अधिनियम 2000 के आधीन निकाला गया | संक्षेप में यह अधिनियम इन्टरनेट सेवा संसाधको और वेबसाइट परिचारको को आदेश देता है कि वे अमुक तरह की वेबसाइट और तत्व में प्रवेश रोके | अध्कंश रूप में यह राष्ट्रीय सुरक्षा,भारत को अनुचित ढंग से दर्शाना, ईश निंदा, गैर कानूनी कार्य, अश्लीलता इत्यादि के लिए है |
परन्तु धारा 2 कम बी में काले धन को वैध बनाना और द्युत शामिल है आई टी अधिनियम 2000 में द्युत जोड़ना भारत की अन्य दिशा के विपरीत है | सिक्किम सरकार ने खेल शर्त प्रणाली को कानूनी कर दिया, गोवा में कानूनी कसीनो है और 13 राज्यों में कानूनी लोटरी है | श्री हारून लोगर्ट अंतररास्ट्रीय क्रिकेट काउन्सिल के सी इ ओ, ने भी भारतीय अधिकारियो से गुहार की है की वे क्रिकेट शर्त प्रक्रिया साइटों को कानूनी बना दे | उनका मानना है की खेल में भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग रोकने का यह उत्तम तरीका है | जबकि भारत में द्युत को कानूनी बनाने में काफी जोर है और कुछ प्रगति भी हुई है,केंद्रीय सरकार अब भी इसे और कधीं बनाने में लगी है |
इस वक्त भारत में अधिकांश द्युत गैर कानूनी है | हालांकि घुडदौड, लोटरी और रम्मी में द्युत कानूनी है | यूं.के. में कानूनी कई शर्त प्रक्रिया साईट है जो भारतीयों को सिर्फ मामूली तकलीफ देते हुए सेवाए प्रदान करती है | इस वक्त कानून का रवैया है कि भारतीयों को जुआ खेलने से डराए न कि द्युत को रोके | ऐसा बहुत संभव है कि पूर्ण कानूनी द्युत भारत में कभी तो आएगा – परन्तु कब आएगा यह कोई नहीं कह सकता | तब तक आप इस पृष्ठ पर नज़र रखे जहा हम भारतीय द्युत कानून पर जैसे हमें मिले नवीनीकरण छापते रहेंगे |